चिनूक हेलीकॉप्टर अब भारतीय वायुसेना के पास

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नई दिल्ली,  भारतीय वायुसेना की मारक शक्ति अब और घातक हो गई है। भारत अब दुनिया के उन 19 देशों की कतार में शामिल हो गया है, जिनके पास चिनूक हेलीकॉप्टर हैं। दुनियाभर की वायुसेना में चिनूक हेलीकॉप्टर अपनी मारक क्षमता, भार उठाने की शक्ति, डबल इंजन जैसी तमाम विशेषताओं के लिए जाना जाता हैका ने अंतराष्ट्रीय आतंकी ओसामा-बिन-लादेन को मारने के लिए चलाए सीक्रेट ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टर का ही उपयोग किया था। भारत ने 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे हैं, जिसमें से 4 भारत को मिल चुके हैं। सभी 15 चिनूक हेलीकॉप्टर भारत को मार्च,2020 तक मिल जाएंगे। भारत ने इसके लिए डेढ़ अरब डॉलर खर्च किए हैं।

भारतीय वायुसेना में चार चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल किए गए। चिनूक हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल करने का समारोह चंडीगढ़ में आयोजित किया गया। इन चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग भारत-पाकिस्तान सीमा पर ऊंचाई वाले स्थानों पर सीमा सुरक्षा के लिए किया जाएगा, जिसमें ऊंची चौकियों पर भारतीय सैनिकों को ले जाना, सेना के भारी अस्त्र-शस्त्र को पहुंचाना शामिल होगा। चिनूक के द्वारा भारतीय सेना अब भारी-भरकम होवित्जर तोपों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से कम समय में ले जाया जा सकेगा।

चिनूक हेलीकॉप्टर को लेकर वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोवा ने कहा कि चिनूक हेलीकॉप्टर का भारतीय वायुसेना में समावेश हमारी एयरलिफ्ट क्षमताओं को बढ़ाएगा। यह आधुनिक, बहु-मिशन-सक्षम, भारी-भरकम परिवहन हेलीकॉप्टर सभी प्रकार के इलाकों में हमारी हेली-लिफ्ट क्षमता को एक उच्च स्तर पर ले जाने में सक्षम है।

इस मौके पर चिनूक हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी बोईंग डिफेंस के वाइस प्रेसीडेंट माइकल कोच ने कहा कि अपनी उन्नत क्षमताओं और बहुमुखी विशेषताओं के साथ चिनूक हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित होगा। बोइंग डिफेंस, भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के मिशन और उसे पूरा करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।