शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन, जानिये क्या है शुभ मुहूर्रत

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    (हरिद्वार) दिवाली पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन उत्साह व उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली सात नवंबर को इस बार मानई जाएगी। मान्यता है कि भगवान राम चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने घर में घी के दिए जलाए थे और अमावस्या की काली रात के घनघोर अंधेरे को दूर करने का प्रयास किया था। इसलिए दिवाली को प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है।

    पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। विधि पूर्वक लक्ष्मी पूजन कर घर में सम्पन्नता आती है। बताया कि सामर्थ्य के अनुसार सभी को मां लक्ष्मी को पूजन करना चाहिए। बताया कि इस बार लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 17 बजकर 57 से 19 बजकर 53 तक करना श्रेयस्कर रहेगा। जबकि प्रदोष काल शाम 17 बजकर 27 बजे से 20 बजकर 06 बजे तक होगा। बताया कि दीपावली पूजन से पूर्व घर में साफ-सफाई करना जरूरी है। ऐसा करने से लक्ष्मी का वास रहता है।